Jचोर ओर साधु (story in hindi) :
बच्चों! महात्मा दास तुलसी से तो आप परिचित ही होंगे। वे एक प्रख्यात विद्वान, कवि और महात्मा थे। तुलसी दास का पालन-पोषण जन्म से ही घोर गरीबी में हुआ था। वे निरंतर राम नाम जपते रहने के कारण एक दिन संत बन गए। उन्होंने वाल्मीकि रामायण का संस्कृत से हिंदी में अनुवाद किया। जिसके लिए तुलसी दास को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। तुलसी दास ने भिक्षा मांगकर बहुत सारा धन इकट्ठा किया। उन्होंने उस धन का उपयोग एक विशाल मंदिर बनवाने में किया। उस मंदिर में चार द्वार थे, जिन्हें उन्होंने बनवाया था। पूरे गर्भगृह में रत्न जड़े हुए सोने और चांदी के कई आभूषण थे। एक बार एक चोर चोरी करने के इरादे से मंदिर में घुस गया। मंदिर में सोना, चांदी और हीरे देखकर वह बहुत खुश हुआ।
सीधा तुलसीदास के पास गया उनको चरणों पर पर गया। रो रो करके उसे उनसे सब बात कहा करके राम मांगा तुलसीदास भी रो दिया। उन्होंने कहा तुम तो बड़े भगवान हो । तुम्हें भगवान का दर्शन मिल गया। वह दोनों पहरेदार और कोई नहीं थे। वह राम और लक्ष्मण थे। उसे दिन से वह कर ईश्वर का सच्चा भक्त बन गया और धर्म कार्य में सारा जीवन लगा दिया।
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