मैंने अपने दोस्त को कहा की भाई आज का दिन बहुत बड़ा है तू मेरे घर रुक जा, उसने कहा की ठीक है मैं तुम्हारे घर रुक जाऊंगा परंतु ठीक चल 5:00 मुझे उठा देना मैंने कहा कि 5:00 तुम्हें क्या करना है,उसने कहा कि मैं सुबह दौड़ने जाता हु। ठीक है उसने कहा ठीक है।
एक बार मैं एक पीपल के पेड़ के पास टहल रहा था पीपल के पेड़ ने कहा कि तुम कौन हो बालक मैंने जवाब दिया कि मैं एक मनुष्य हु, पीपल के पेड़ ने कहा कि मनुष्य तुम मेरे पास क्यों आई क्यों आई मैं तो सिर्फ अपने जैसे वृक्षोंके साथ बात करता हूं, नहीं पीपल के पेड़ मैं यहां तुम्हें दोस्ती करें आया हूं ।
एक भूत राजा का महल था उसने अपनी प्रजा को बहुत अच्छे से शासन किया था, एक दिन एक मनुष्य उसे रास्ते में चल कर जा रहा था, मनुष्य ने कहा यह रास्ता-तो बहुत ही ज्यादा घना है। अचानक उसके सामने भूत राजा प्रकट हो गया, उसने झट के भूत राजा को झपट लिया उसने कहा कि है भूत राजा मैं यहां अपने घर का रास्ता खोजते- खोजते आया हूं, कृपया मुझे जाने दीजिए भूत राजा ने कहा मैं अगर आपको यहां से जाने दूंगा तो सभी मनुष्य समझेंगे की भूत राजा से कोई नहीं डरता और वह सब यहां पर आकर हमें सताएंगे। इसलिए मैं तुम्हें जाने नहीं दे सकता, अगर तुम्हें जाना ही है तो मैं तुम्हें पहाड़ के रास्तेसे नीचे उतरकर दे सकता हूं तुम्हें अगर मंजूर हो तो बोलो, ठीकहै भूत-राजा मैं आपके साथ पहाड़ के रास्ते में चलूंगा।
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